गत शनिवार की रात्रि में निशाचरों की भाँति सोनिया - मनमोहन सरकार के द्वारा स्वामी रामदेव जी और अन्य सत्याग्रह में रत सेनानियों के साथ किया गया बर्बर व्यवहार निंदापूर्ण तो है ही, साथ ही यह व्यवहार दिल्ली सरकार की मानसिकता भी उजागर करता है।
विगत 6 दशकों से महात्मा गांधी के नाम पर शासन को अपने क़ब्ज़े में रखने वाली काँग्रेस की सरकारें भोले भाले देशवासियों को गुमराह करती रहीं हैं। सत्य और अहिंसा की दुहाई देकर काँग्रेस भ्रष्ट, हिंसक, और देशद्रोही तत्वों के साथ साँठ गाँठ कर देश का अनहित करने वाले कदम उठाती रही है। अब समय आ गया है कि काँग्रेस के हाथ से देश की सत्ता वापस ले ली जाये।
देश में दिल्ली की सत्ता का निर्धारण वोट के द्वारा होता है। हमें इसी वोट पर अपनी शक्ति केंद्रित करनी होगी। हमें राष्ट्रवादी और देश हित में कार्य करने वाली ताकतों को सत्ता देनी होगी। जिले - जिले और गाँव - गाँव में यह बात पहुंचानी होगी कि काँग्रेस एक बर्बर, देश का अनहित करने वाली , सांप्रदायिक आधार पर देश को बाँटने वाली, जाति के आधार पर समाज को तोड़ने वाली और सोनिया गांधी के वैयक्तिक हित में रत एक तानाशाह शक्ति है जिसका महात्मा गांधी से कोई लेना देना नहीं है।
आइए इस कार्य को पूरा करने का संकल्प ले कर आगे बढ़ें, एकजुट हों, और विजयी हों।
आइए इस कार्य को पूरा करने का संकल्प ले कर आगे बढ़ें, एकजुट हों, और विजयी हों।